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मनुष्य और भगवान
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@sayee
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जब खुदा चाहता है
तो जो भी कष्ट होती है
सब गायब हो जाती है
फूलों के आँगन में
जो सुगंध आती है
वो अंतरात्मा से निकलती है
जब भगवान अंदर बस्ते है
ज़रूरी नहीं है की आप भगवान को किसी एक ही नाम से पुकारे क्योंकि भगवान ने कभी भी नहीं कहा की में एक ही मुल्क की लोगों का देखभाल करूंगा. इसलिए आप पहले मनुष्य बनने की कोशिश करे और लोगों को दिल से अपनाये क्योंकि भगवान मनुष्य के ह्रदय में ही बस्ते है.
कई बार हमारे रंग को परामर्श करके विवेचन होता है पर मनुष्य ने ये नहीं सोचते की सबके खून एक ही रंग का है और दूसरों को अपने काम के लिए दुरुपयोग करते है
सब में खुदा है
सब को प्रेम करो